मेरी सोन चिरईया को शिकायत है यह रहती। क्यों मोहे छोड़ अकेला तू रोज़ फुर्र हो जाती।। मेरी सोन चिरईया को शिकायत है यह रहती। क्यों मोहे छोड़ अकेला तू रोज़ फुर्र हो जा...
मैं बोला - "यही तो है संसार में ख़ुशियों भरी पेड़ की जड़ ।" मैं बोला - "यही तो है संसार में ख़ुशियों भरी पेड़ की जड़ ।"
नाम की महिमा "राम" ही जानै,कोटिन पाप हर लीनो। नाम की महिमा "राम" ही जानै,कोटिन पाप हर लीनो।
मैं हूं तेरी कठपुतली नाचूं तेरे हाथ में। मैं हूं तेरी कठपुतली नाचूं तेरे हाथ में।
लौट आ जाना बस एक बार ही सही जी भर के तुझे मैं गले लगाऊँ । लौट आ जाना बस एक बार ही सही जी भर के तुझे मैं गले लगाऊँ ।
जिन्दगी को एक नई दिशा देना होगा तब अपनी भविष्य मे सुन्हरा पल आएगा। जिन्दगी को एक नई दिशा देना होगा तब अपनी भविष्य मे सुन्हरा पल आएगा।